भूल जाइए आज कितने कोरोना संक्रमित मिले, कितने स्वस्थ हुए ? बस, इस ला-इलाज बीमारी से खुद को बचाइए, वर्ना…

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रायपुर, 09 जुलाई 2020, 13.20 hrs : वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस का रौद्र रूप जारी है । देश मे भी संक्रमित मरीज़ों की सँख्या, सिर्फ चार महीनों में ही  7.6 लाख पार कर चुकी है । ये सँख्या और कहाँ तक पहुंचेगी, कोई नहीं जानता !

इन चार महीनों में हमें कोरोना संक्रमण से बचने के कुछ उपाय तो जान ही चुके हैं । इस महामारी का इलाज अभी तक पता नहीं चला है । इसे रोकने का उपाय सिर्फ़ हमारे पास ही है ।

और हम हैं कि इस महामारी को और बढ़ाने पर उतारू हैं । सभी सरकार, स्वास्थ्य सेवक, पुलिस, सामाजिक कार्यकर्ता जी-जान से, खुद की परवाह किये बिना, हमे ही बचाने के तमाम उपाय कर रहे हैं ।

पर हम हैं कि मानते नहीं … बाज़ारों में, सड़कों पर, आयोजनों में, धार्मिक स्थलों में हम इस महामारी से बचने के उपायों को अनदेखा कर, अनचाही, अन-अपेक्षित वीरता दिखा कर बहुत खुश होते हैं ।

ख़ुद के जीवन के साथ साथ हम अपने परिवार और परिचितों के जीवन को भी दाँव पर लगा रहे हैं । हमारी सुविधा के लिए सरकार की मजबूरी है अनलॉक करना । पर हमें भी तो सचेत होने होगा ।

बाजारों में, दुकानों में, या अन्य किसी भीड़ वाली जगह, बेवजह पहुंचकर हम उस भीड़ का एक हिस्सा ही तो बन जाते हैं ।

अचानक आई इस महामारी के लिये सरकार और हम, कोई भी तो तैयार नहीं थे । तो आपसी सहयोग और समन्वय बना कर ही तो इस महामारी से लड़ना और बचना होगा ।

जहाँ जायें, नाक-कान ढकें – मास्क ज़रूर लगाएं । एक छोटा सैनिटाइजर अपने साथ ज़रूर रखें और हर थोड़ी देर में उससे हाथ साफ करते रहें । लोगों से 2 हाथ की दूरी बनाये रखें । पता नहीं कौन संक्रमित हो । थोड़ी सी भी सर्दी-ज़ुखाम, खाँसी हो तो चैक ज़रुर करायें । कुनकुना पानी या अदरक वाली चाय, थोड़ी थोड़ी देर में पीते रहें । यही छोटे छोटे उपाय हैं जिनसे हम इस महामारी को बढ़ने से रोक सकते हैं ।

जीवन है तो हम हैं, हम हैं तो परिवार है, परिवार है तो समाज और दुनिया है । खुद बचिए और देखिये, दुनिया कितनी हसीन है …

Prevention is better than cure…

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