DFO प्रणय मिश्रा हटाए गए, SDO के एस खुटिया और रेंजर अनिल सिंह निलंबित, मादा हाथी की मौत पर राज्य सरकार ने की बड़ी कार्रवाई

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DFO प्रणय मिश्रा को जारी किया कारण बताओ नोटिस, लक्ष्मण सिंह बनाए गए नए डीएफओ, तीन दिन में तीन मादा हाथी की मौत को सरकार ने मानी बड़ी चूक

रायपुर, 13 जून 2020, 22.15 hrs : छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने तीन मादा हाथी की मौत के मामले में आज बड़ी कार्रवाई करते हुए बलरामपुर वनमंडल के DFO प्रणय मिश्रा को हटा कर उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है । उनकी जगह लक्ष्मण सिंह नए DFO बनाए गए हैं ।

राज्य सरकार ने एसडीओ केएस खुटिया और रेंजर अनिल सिंह पर भी बड़ी कार्यवाही करते हुए, शासकीय सेवा में लापरवाही बरतने के आरोप में दोनों को निलंबित कर दिया है ।

वन मंत्री मो. अकबर के निर्देश पर डीएफओ को हटाने के और एसडीओ तथा रेंजर को निलंबित किए जाने का आदेश जारी किया गया है । डीएफओ प्रणय मिश्रा को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा गया है कि राजपुर रेंज में मादा हाथी की मौत 6 जून को हुई लेकिन विभाग को इसकी जानकारी 11 जून को हुई । तब तक हाथी का शव सड़ चुका था । मानव हाथी द्वंद नियंत्रण कार्य में यह घोर लापरवाही बरती गई है ।

नोटिस में कहा गया है कि शासकीय कार्य के प्रति उदासीनता तथा बरती गई लापरवाही अखिल भारतीय सेवा आचरण नियम 1968 के नियम 3 का स्पष्ट उल्लंघन है । ऐसे में क्यों न अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए ? डीएफओ को सात दिनों के भीतर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं ।

SDO केएस खुटिया और रेंजर अनिस सिंह को निलंबित करने के आदेश में विभाग ने लिखा है कि कर्तव्यों में गंभीर चूक और लापरवाही उजागर हुई है, लिहाजा छत्तीसगढ़ सिविल सेवा ( वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 9 (1) (क) के तहत निलंबित किया जाता है ।

ज्ञात हो कि प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के गणेशपुर बांध के नजदीक एक हथिनी का शव 9 जून की सुबह मिला था । प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई कि वह गर्भवती थी । विभाग ने कहा कि प्रसव पीड़ा से तड़पकर मौत हुई, लेकिन उसकी मौत के 24 घंटे बाद ही कुछ ही दूरी पर एक दूसरी हथिनी का शव मिला । दो हथिनी की मौत के बाद गुरूवार सुबह बलरामपुर में तीसरी हथिनी की मौत की खबर ने वन महकमे में हड़कंप मचा दिया । गणेशपुर के जंगल में एक और हथिनी का शव मिला ।

शव की बदबू आने पर ग्रामीणों ने इसकी जानकारी वन विभाग को दी गई थी । वन महकमे के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे । वन मंत्री मो. अकबर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तरीय जांच के आदेश भी दिए थे ।

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