सप्रे व दानी स्कूल मैदान की हिफाजत के लिए मंत्री शिव डहरिया से मिला प्रतिनिधमंडल : सौंपा ज्ञापन

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रायपुर, 03 जून 2020, 00.50 hrs : सप्रे शाला मैदान व दानी स्कूल मैदान तथा वहा लगे पेड़ो को उजाड़कर उसका व्यावसायिक उपयोग करने के प्रयासों तथा इस संबध में जारी निर्माण कार्य पर तत्काल रोक लगाने की मांग करते हुए आज एक प्रतिनिधमंडल ने प्रदेश के नगरीय निकाय मंत्री शिव डहरिया से उनके निवास में भेट की ।

प्रतिनिधिमंडल में डाक्टर अजीत आनंद डेगवेकर, माकपा नेता धर्मराज महापात्र, विश्वजीत मित्रा, निश्चय बाजपेयी, दीपक शर्मा, राजू कदम, शाहिद मोहम्मद शामिल थे ।

इस ज्ञापन में कहा गया है कि, हम रायपुर शहर के नागरिक समाज, सामाजिक संगठन, राजनीतिक दल के कायकर्ताओ की ओर से रायपुर के हृदयस्थल एतिहासिक सप्रे शाला खेल मैदान तथा जेआर दानी कन्या शाला के मैदान को काटकर अन्य प्रयोजनों के लिए चल रहे निर्माण कार्य की ओर ध्यान आकर्षित कर इस पर तत्काल रोक लगाने का आग्रह करते है ।
जैसा कि आपको विदित है माधव राव सप्रे जी, स्वतन्त्रता सेनानी के नाम से यहा संचालित स्कूल व यह मैदान आज़ादी के आंदोलन के साथ ही खेल के मैदान और अनेक महत्वपूर्ण राजनीतिक परिवर्तनों का केंद्र रहा है । यहा से निकले विद्यार्थियो मे अनेक नमी गिरामी लोग शामिल है, साथ ही इस खेल मैदान ने सीमित सुविधाओ के बावजूद प्रदेश को अनेक उच्च स्तरीय खिलाड़ी भी दिये है। कुछ समय पहले ही विगत सरकार के कार्यकाल मे इस मैदान को सड़क चौडीकरण के नाम पर छोटा कर दिया गया था , इस हेतु कर्मचारी भवन की भी बलि छड़ा दी गई । लगभग 2 करोड़ रुपए खर्च कर इसे पुनर्निरमित किया गया । ठीक इसी तरह जेआर दानी स्कूल व डिग्री गर्ल्स कालेज भी इससे लगा हुआ है । सड़क निर्माण के लिए इसे भी पहले ही छोटा कर दिया गया है । अब इसके मैदान को और काटा जा रहा है ।

उल्लेखनीय है कि ये जमीने सरकार को दान मे मिली थी जिसका प्रयोजन भी स्पष्ट था । पिछले सरकार के कार्यकाल मे भी बूढ़ातालाब के सौदर्यीकर्ण व वहा चौपाटी निर्माण के लिए इन मैदानो पर हमले का प्रयास हुआ । किन्तु नागरिकों के भारी विरोध तथा हमारे बच्चियो के आवागमन के मार्ग मे ऐसे पहल से उनकी असुरक्षा के मद्देनजर उस सरकार को यह निर्णय वापस लेना पड़ा ।

अभी पुनः नगर निगम, समर सिटी परियोजना कि ओर से बूढ़ातालाब सफाई के नाम पर इन मैदानो को काटकर निर्माण कार्य चलाया जा रहा है जो पूरी तरह से अनुचित है । जनता के किसी भी हिस्से को यह योजना क्या है, इसके लिए क्या सरकार ने सहमति दी है, क्या दानदाताओ को विश्वास मे लिया गया है, क्या इस यौजना पर कोई जनता कि राय ली गई है या सब डार्क मे है ?

रायपुर शहर ऐसे ही खेल मैदान कि अनुपलब्धता, खुले आबो हवा और पर्यावरण के असंतुलन का सामना कर रहा है, यहा आसपास के नागरिक इस मैदान का पैदल चलने के लिए भी उपयोग करे है, हमारे बच्चे मैदान मे अभ्यास करते है । इसे सुरक्षित करने कि बजाय पेड़ पौधो को काटकर मौजूदा मैदान को खत्म कर उसे व्यावसायिक प्रयोजन के लिए उपयोग मे लाना इस शहर के नागरिकों के साथ न केवल अमानवीय वरन आपराधिक कृत्य है जिसकी हम तीखी आलोचना व विरोध करते हे । सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि ऐसे समय जब पूरा प्रदेश करोना महामारी से निपटने के लिए तालाबंदी के नियमो व अमूल्य मानव जीवन को बचाने के कार्य मे जुटा है तब रात के अंधेरे व पुलिसिया साये मे यह निर्माण हमारे संदेह व इसके पीछे दूसरे किस्म के बड़े खेल कि आशंका को जन्म देता है ।

अतः हम सभी नागरिकों कि ओर से सप्रे व दानी स्कूल मैदान को संरक्षित रखने, इस एतिहासिक धरोहर के साथ छेड़छाड़ के प्रयासो और वहा चल रहे निर्माण कार्यो पर तत्काल रोक लगाने हस्तक्षेप का आग्रह करते है । निश्चय ही ऐसा न होने पर इस धरोहरों को बचाने नागरिक समाज को इसके खिलाफ सड़क और अन्य संघर्षो के लिए बाध्य होना पड़ेगा ।

प्रतिनिधिमंडल ने उनसे यह भी कहा कि सप्रे स्कूल के आप विध्यार्थी रहे है अतः इन एतिहासिक धरोहर से आप अवगत है और इससे खिलवाड़ पर अंकुश लगाने अवश्य ही आप हस्तक्षेप क रेंगे । उन्होने प्रतिनिधिमंडल की बातो को ध्यानपूर्वक सुना तथा पूरे मामले पर चर्चा का आश्वासन दिया ।

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