समझिये : भारत मे कोरोना वायरस के संक्रमण का साइंटिफिक आंकलन किया छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी ने

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रायपुर, 14 अप्रैल 2020, 23.30 hrs : आज लॉक डाउन के पहले चरण का अंतिम दिन में छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी के संयोजक डॉ कुलदीप सोलंकी द्वारा महत्वपूर्ण बुलेटिन जारी किया गया जिसमें सोसाइटी के विशेषज्ञों द्वारा भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण का साइंटिफिक आंकलन प्रस्तुत किया गया। सोसाइटी ने आम जनता से निवेदन किया है कि इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि देश के प्रत्येक नागरिक तक सच्चाई पहुंच सके। प्रस्तुत है बुलेटिन के प्रमुख अंश :

आज हम भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण का साइंटिफिक आकलन करेंगे तथा यह जानकारी देंगे कि वर्तमान में हमारी कैसी स्थिति है तथा आने वाले समय में हमारे यहां यह महामारी कितनी भयावह हो सकती है। हमारी रिसर्च टीम ने भारत में कोरोना संक्रमण का आकलन दो अन्य देश इटली एवं USA से किया।

पाठकों की जानकारी के लिए हम बता देना चाहते हैं कि इटली की जनसंख्या करीब 6 करोड़ तथा विश्व हेल्थ केयर रैंकिंग में उसका स्थान दूसरे नंबर पर है वही अमेरिका की जनसंख्या करीब 33 करोड़ तथा विश्व हेल्थ केयर रैंकिंग में उसका स्थान 37 वा है। इन दोनों देशों की तुलना में भारत की जनसंख्या 134 करोड़ तथा विश्व हेल्थ केयर रैंकिंग में हमारा स्थान 112 नंबर है। हमारी टीम ने वे देश चिन्हित किए जिनके यहां पहला कोरोनावायरस का केस भारत की तरह 15 फरवरी 2020 को पाया गया। अमेरिका एवं इटली में भी पहला केस 15/2/2020 को ही चिन्हित हुआ था। इस बुलेटिन के साथ 3 फ़ोटो फाइल संलग्न है जो भारत, अमेरिका तथा इटली के संक्रमण का ट्रेंड दर्शाता है कृपया जरूर देखें।

मुख्य बातें निम्नानुसार है-

इटली में पहला केस 15 फरवरी को हुआ और 14/4/20 तक वहां 1,50,000 मरीज संक्रमित हैं अर्थात वहां का इंसीडेन्स 0.25% है वहीं दूसरी ओर अमेरिका में पहला केस 15 फरवरी को पाया गया तथा आज दिनांक 14 अप्रैल तक वहां 5,80,000 मरीज हैं। इनके विपरीत भारत में भी पहला केस 15 फरवरी को पाया गया और आज 14 अप्रैल को 134 करोड़ की जनसंख्या होने के बावजूद कुल केस 10,400 है। दोनो इंसीडेंस को कंपेयर करेंगे तो इटली में 0.25% USA में 0.175% तथा भारत में 0.0007% है। अगर यूएसए के इंसीडेंस को मद्देनजर रखते हुए भारत का इंसीडेंट निकालें तो हमारे यहां आज करीब 23,45,000 कैसेस होने चाहिए थे और इटली के इंसिडेंन्स के हिसाब से 33,50,000 मरीज होने चाहिए थे किंतु हमारे यहां मात्र 10400 कैसे पाए गए हैं।

इस सफलता का श्रेय प्रशासन की अत्याधिक कर्तव्यपरायणता एवं मुस्तैदी तथा 134 करोड़ हिंदुस्तानियों का स्वःफूर्त लाॅकडाउन को समर्थन है। हर आम भारतीय जिसने इस लॉक डाउन में अपनी समस्याओं को ना विचारते हुए देशहित में, समाजहित में, एवं पृथ्वी के हित में लाॅकडाउन को सफल बनाने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है उन सबको छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी कोटि-कोटि, बारंबार नमन करती है, प्रणाम करती है एवं अभिनंदन करती है।

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉक डाउन के दूसरे चरण को 3 मई तक बढ़ा दिया है जिसका हम सारे भारतवासी स्वागत करते हैं तथा पूर्ण सहयोग करने का वचन देते हैं। यह दूसरा फेस इसलिए जरूरी है क्योंकि कोरोनावायरस इतना सिंपल वायरस नहीं है जितना WHO एवं चीन ने विश्व को बताया है। हम आपका ध्यान कुछ उलझे सवालों पर भी आकृष्ट करना चाहते हैं- 1.वर्तमान में सारे खतरनाक वायरस का जन्म चीन से ही क्यों होता है ? :

1. कोरोना, 2. SARS, 3. बर्ड फ्लू, 4.हांगकांग फ्लू, 5. एशियन फ्लू ऐसे अनेक वायरस हैं जिनकी उत्पत्ति पिछले 20 वर्षों में चीन से हुई है।

2. ऐसे दावे किए जा रहे हैं की कोरोना वायरस की उत्पत्ती WUHAN WET मार्केट से ना होकर WUHAN VIROLOGY CENTRE से हुई है.

3. किस भय के तहत WHO ने 6 हफ्ते तक कोरोनावायरस संक्रमण की जानकारी विश्व से छुपाई ?

4. जिस वुहान मार्केट में कोरोनावायरस की उत्पत्ति दर्शाई गई है वहां चमगादड़ तो बिकते ही नहीं है ?

5. अगर यह वायरस चमगादड़ से आया है तो इसका एक भाग एचआईवी के वायरस से हुबहू कैसे मिलता है?

6. अगर यह वायरस चमगादड़ से ही फैलता है तो 2 महीने के अंदर चीन में चमगादड़ फिर से बिकने क्यों शुरू हो गए ?

7. WUHAN से BEIJING एवं शंघाई के लिए एक 1 घंटे में फ्लाइट है किंतु वहां वायरस नहीं फैला बल्कि ITALY, USA और पूरे विश्व में वायरस फैल गया ?

8. बोरिस जॉनसन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री आईसीयू से छुट्टी होकर अपने घर रवाना हो गए हैं। प्रिंस चार्ल्स भी कोरोना की चपेट में आए किंतु चीन के किसी भी बड़े नेता को कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं हुआ ?

9. जब अमेरिका में और यूरोप में करीब 100000 लोगों की मृत्यु हो चुकी है तो चीन में मात्र 3000 लोग ही कैसे मरे ?

ऐसे अनगिनत सवाल जनमानस में चल रहे हैं किंतु हमारी प्राथमिकता अभी इस वायरस को हराकर अपनी जिंदगी दोबारा सुचारू रूप से चालू करना है। ईश्वर तथा हमारी हजारों सालों के शोध से चल रही जीवनशैली की कृपा से हम इस जंग में जरूर जीतेंगे।

एक कहावत है – जाको राखे साइयां मार सके ना कोई बाल न बांका कर सके जो जग बैरी होय

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