निर्भया कांड : दोषी विनय की जल्द होगी परिजनों से अंतिम मुलाकात, 3 मार्च को होनी है फांसी

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निर्भया कांड मामले में अब अक्षय कुमार सिंह ही केवल ऐसा दोषी रह गया है जिसके जवाब का जेल प्रशासन को इंतजार है कि वह अंतिम मुलाकात कब करेगा ?

नई दिल्ली, 28 फरवरी 2020, 13.15 hrs : 2012 Delhi Nirbhaya case : दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा 17 फरवरी को जारी डेथ वारंट के हिसाब से निर्भया के दोषियों (विनय कुमार शर्मा, मुकेश सिंह, अक्षय कुमार सिंह और पवन कुमार गुप्ता) को आगामी तीन मार्च की सुबह छह बजे फांसी पर लटकाया जाना है । इससे पूर्व तिहाड़ जेल प्रशासन की पूरी कोशिश है कि चारों दोषी स्वजन के साथ अंतिम मुलाकात कर लें ।

ज्ञात हो कि 4 चारों दोषियों की फाँसी अबतक 4 बार तल चुकी है । पहला डेथ वारंट 17 जनवरी, दूसरा 17 फरवरी, तीसरा 1 मार्च और अब 3 मार्च के लिये जारी हुआ है । देखना होगा कि अब कहीं और तारीख़ फिर नजे बदल जाये ।

विनय ने बताया, परिजनों से मुलाकात के बारे में : बता दें कि दोषी मुकेश सिंह व पवन कुमार गुप्ता की अंतिम मुलाकात स्वजन से हो चुकी है । अब विनय ने भी जेल प्रशासन को अंतिम मुलाकात के बारे में बता दिया है । वहीं, जेल प्रशासन अभी यह नहीं बता रहा है कि विनय की परिजनों से अंतिम मुलाकात कब हाेगी । अब जबकि विनय ने अंतिम मुलाकात के बारे में बता दिया है तो अक्षय ही केवल ऐसा दोषी रह गया है, जिसके जवाब का जेल प्रशासन को इंतजार है ।

29 फरवर तक मुलाकात की प्रक्रिया पूरी करना चाहता है तिहाड़ जेल प्रशासन : जेल सूत्रों का कहना है कि अक्षय के पास भी अंतिम मुलाकात के बाबत जेल प्रशासन को बताने दो से तीन दिन का ही वक्त है । चूंकि फांसी के ट्रायल की प्रक्रिया एक मार्च से शुरू हो जाएगी, ऐसे में प्रशासन इस कोशिश में है कि अंतिम मुलाकात की प्रक्रिया 29 फरवरी तक पूरा हो जाए ।

फिलहाल सभी का व्यवहार सामान्य : जेल सूत्रों का कहना है कि अभी निर्भया के चारों दोषी का स्वास्थ्य व उनका व्यवहार सामान्य है । उन्हें पूरी खुराक लेने को प्रेरित किया जाता है। वे पूरी नींद लें इसकी भी उन्हें सलाह दी जाती है ।

स्वास्थ्य पर भी रखी जा रही नजर : जानकारों की मानें तो तिहाड़ जेल प्रशासन के लिए चारों दोषियों का शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य बेहद अहम है क्योंकि फांसी पर लटकाने के लिए इनका पूरी तरह स्वस्थ रहना आवश्यक है । ऐसे में चारों दोषियों के वजन पर भी खास नजर रखी जा रही है, क्योंकि ज्यादा कम होने पर भी फांसी में दिक्कत आ सकती है ।

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