अमित शाह ने माना कि ‘गोली मारो’ और भारत-पाक मैच’ जैसे बयान नहीं देने चाहिए थे, इसकी पार्टी ने बड़ी कीमत चुकाई

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अमित शाह ने कहा – जम्मू-कश्मीर में कोई भी जाने के लिए स्वतंत्र है । दिल्ली विधानसभा चुनाव का जनादेश सीएए और एनआरसी को लेकर नहीं माना जाना चाहिए ।

ज्ञात हो कि भाजपा प्रत्याशी कपिल मिश्रा ने ‘भारत-पाक मैच’ का ट्वीट किया था, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने ‘गोली मारो ‘नारा लगवाया था ।

नई दिल्ली, 13 फरवरी 2020, 23.10 hrs : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान भाजपा नेताओं को ‘गोली मारो’ और ‘भारत-पाक मैच’ जैसे बयान नहीं देने चाहिए थे । शाह ने कहा – इस तरह के बयानों की पार्टी ने भारी कीमत चुकाई । हमारी पार्टी ने इस तरह के बयानों से खुद को दूर कर लिया था ।

अमित शाह एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में बोल रहे थे । उनसे सवाल पूछा गया था कि चुनाव प्रचार के दौरान आपके कुछ नेताओं ने इस तरह के बयान दिए थे । दरअसल, दिल्ली चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी कपिल मिश्रा ने कहा था कि 8 फरवरी यानी वोटिंग के दिन दिल्ली में भारत-पाक मैच जैसा नजारा होगा । केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता अनुराग ठाकुर ने एक चुनावी सभा में ‘गोली मारो’ के नारे लगवाए थे ।

चुनाव का मकसद विचारधारा को आगे बढ़ाना : 
शाह ने कहा – हमने दिल्ली का चुनाव केवल जीत या हार के लिए नहीं लड़ा । हमारा सोच चुनावों के जरिए अपनी विचारधारा का प्रसार करना है । उन्होंने माना कि दिल्ली चुनाव में भाजपा को अपने कुछ नेताओं के बयानों की वजह से काफी नुकसान उठाना पड़ा । वे बोले, ‘‘यह संभव है कि इस सबके चलते चुनाव में हमारी परफॉर्मेंस पर असर पड़ा हो । हालांकि, दिल्ली चुनाव को लेकर उनका आकलन गलत निकला, लेकिन इसे नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) को लेकर दिया गया जनादेश नहीं माना जाना चाहिए ।’

‘‘शांतिपूर्ण प्रदर्शन अधिकार, पर हिंसा बर्दाश्त नहीं करेंगे’ : गृह मंत्री ने कहा- एनआरसी को पूरे देश में लागू करने को लेकर अभी तक सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है । नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) की प्रक्रिया के दौरान अगर कोई अपना दस्तावेज नहीं दिखाना चाहता है, तो वह इसके लिए स्वतंत्र है । एनआरसी का जिक्र भाजपा के घोषणा पत्र में नहीं किया गया था । शाह ने एनआरसी-सीएए पर हुए प्रदर्शन पर कहा – हम अहिंसक और शांतिपूर्ण प्रदर्शन को सहन कर सकते हैं, लेकिन हिंसा और तोड़फोड़ को बर्दाश्त नहीं कर सकते। शांतिपूर्ण प्रदर्शन लोकतांत्रिक अधिकार है ।

‘‘किसी के भी जम्मू-कश्मीर जाने पर रोक नहीं’’ :
उन्होंने कहा- जम्मू-कश्मीर में कोई भी जाने के लिए स्वतंत्र है, इनमें राजनेता भी शामिल हैं । किसी के वहां आने-जाने पर कोई रोक नहीं है । तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को हिरासत में रखे जाने पर शाह ने कहा – इन लोगों पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत केस दर्ज करना स्थानीय प्रशासन स्तर पर लिया गया फैसला था । उमर अब्दुल्ला इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ले गए हैं और अब वही इस पर फैसला लेगा ।

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