महापौर चुनाव, दसों निकाय में चुनावी प्रक्रिया शुरू : छत्तीसगढ़ निकाय चुनाव में चुने हुए पार्षद महापौर तय करेंगे । बीजेपी के लिए पनघट की डगर कठिन होने के बावजूद कुछ सीटों में संशय

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चिरमिरी निकाय के 40 सीटों में काँग्रेस के 24 पार्षद जीते हैं और यहाँ काँग्रेस का महापौर बनना तय है । चिरमिरी में महापौर का चुनाव 6 जनवरी को होगा । काँग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद भी काँग्रेस अपने पार्षदों को विशाखापत्तनम घूमने भेज है ।

यहाँ महापौर की दौड़ में चिरमिरी विधायक विनय जयसवाल की पत्नी, पार्षद चुनाव जीतीं कंचन जयसवाल के साथ साथ विजयी पार्षद बबिता सिंह का नाम ही प्रमुख है । कंचन जयसवाल जहाँ गृहिणी हैं वहीं बबिता सिंह काँग्रेस में लम्बे समय से सक्रिय वरिष्ठ प्रदेश पदाधिकारी हैं । पिछले दिनों चिरमिरी से जीते सभी पार्षदों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्पीकर डॉ. चरणदास महंत से मिलकर कंचन जयसवाल के समर्थन का पत्र सौंपा है । चिरमिरी में महापौर कौन बनेगा अब यह कोरबा लोकसभा क्षेत्र के वरिष्ठ नेता, वर्तमान स्पीकर डर. महंत और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर निर्भर करता है ।

कोरबा ही एकमात्र ऐसी निकाय है जहाँ बीजेपी सन्तुष्ट स्थिति में है । किंतु मुख्यमंत्री बघेल के दसों निकाय में काँग्रेस के महापौर के महापौर के दावे ने बीजेपी में खलबली है । इसी कारण कोरबा में 31 पार्षदों को, 10 जनवरी तक, यहाँ से दूर भेज दिया गया है । बीजेपी के सभी 31 पार्षदों को पार्टी ने साउथ टूर पर भेज दिया है । बीजेपी को यहाँ क्रॉस वोटिंग का डर बना हुआ है ।

अम्बिकापुर एकमात्र ऐसा निकाय है जहाँ शुरू से ही काँग्रेस का महापौर तय था । यहाँ 48 वार्ड में से काँग्रेस 27, बीजेपी 20 और 1 निर्दलीय जीता है । यहाँ 8 जनवरी को महापौर का चुनाव होगा । अम्बिकापुर में समय से पहले ही महापौर का नाम घोषित हो गया है । यहाँ के पूर्व महापौर इस क्षेत्र के महाराज और प्रदेश के प्रमुख मंत्री टीएस सिंहदेव के समर्थक, डॉ. अजय तिर्की का नाम लगभग तय हो गया है ।

बिलासपुर निकाय के 70 वार्ड में काँग्रेस के 35, बीजेपी के 30 और निर्दलीय 5 जीते हैं । महापौर के लिये 36 पार्षदों के लिए काँग्रेस को एक पार्षद कम पड़ रहा था जिसे काँग्रेस की बागी संध्या तिवारी की घर वापसी और सहमति के कारण यहाँ काँग्रेस का महापौर तय है । फ़िर भी क्रॉस वोटिंग का डर बना हुआ है । काँग्रेस ने अपने पार्षदों को पिकनिक पर, अचानकमार रिसॉर्ट भेज दिया है । यहाँ 4 जनवरी को महापौर का चुनाव होना है ।

रायगढ़ के 48 वार्डस में काँग्रेस के 24, बीजेपी के 19 और 5 निर्दलीय पार्षद जीते हैं । यहां बहुमत के लिए 25 पार्षद चाहिये । काँग्रेस को 2 निर्दलीयों का समर्थन मिल चुका है । काँग्रेस ने अपने पार्षदों को ओडिशा भेज दिया है । रायगढ़ में 6 जनवरी को महापौर चुना जाएगा ।

राजनांदगांव में सबसे पहले, कल, 3 जनवरी को होगा महापौर का चुनाव । यहां 51 सीटों में काँग्रेस के 20 और बीजेपी के 22 पार्षद हैं । बचे 10 निर्दलीय पार्षद किंगमेकर बनेंगे । वैसे निर्दलीय पार्षदों के भरोसे ये तय होता दिख रहा है कि राजनांदगांव में लम्बे समय के बाद काँग्रेस का महापौर बनेगा ।

धमतरी के 40 वार्ड में 18 काँग्रेस, 18 बीजेपी और 5 निर्दलीय पार्षद जीते हैं । निर्दलीयों में 2 बीजेपी और 3 काँग्रेस के बागी पार्षद हैं । ज्ञात हो कि धमतरी निकाय के इतिहास में बीजेपी पहली बार पिछड़ी है । दोनो ही दलों को क्रॉस वोटिंग का भय बना हुआ है । धमतरी में 6 जनवरी मेयर चुनाव होंगे ।

दुर्ग की 60 वार्डस में काँग्रेस 31 और बीजेपी 16 के अलावा 13 निर्दलीय जीते हैं । यहाँ 6 जनवरी को महापौर चुनाव होंगे । दुर्ग में काँग्रेस का महापौर बनना तय है ।

जगदलपुर में 48 वार्ड में से 28, बीजेपी 19 और अन्य सिर्फ 1 पार्षद जीते हैं । यहाँ काँग्रेस का ही महापौर बनना तय है । जगदलपुर में महापौर चुनाव 4 जनवरी को होंगे ।

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के 70 वार्ड में 34 काँग्रेस, 28 बीजेपी और 8 निर्दलीय जीते हैं । यहाँ महापौर बनाने के लिए 36 पार्षद चाहिए । वैसे, 8 में से सिर्फ़ 2 निर्दलीयों का समर्थन तो आसानी से मिल जाएगा पर बीजेपी ने यहाँ अपने दबंग विधायक बृजमोहन को निर्दलीयों को साधने के जिम्मा सौंपा है । बृजमोहन को ऐसे कठिन समय से निपटने में महारत हासिल है, विशेषकर क्रॉस वोटिंग कराने की । यही काँग्रेस के लिए चिंता की बात है ।

वैसे ये तय है कि सभी पार्षद समझते हैं कि प्रदेश में जिसकी सरकार होती है, समर्थन उसी दल को देना समझदारी होती है ।

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