अभी अभी, नक्सल नेता रमन्ना की पुष्टि की गई है ।
बीजापुर । नक्सल नेताओं ने लंबी चुप्पी के बाद अपने बड़े माओवादी नेता और दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के सचिव रमन्ना उर्फ रावला श्रीनिवास की मौत की पुष्टि कर दी है। यहां मुख्य बात यह है कि माओवादी नेता विकल्प ने खुद नईदुनिया को फोनकर रमन्ना की मौत की पुष्टि की। विकल्प ने बताया कि गंभीर बीमारी के बाद रमन्ना की 7 दिसंबर को रात 10 बजे तेलंगाना और छत्तीसगढ़ की सीमा पर किसी अज्ञात स्थान पर मौत हो गई।
पिछले कुछ दिनों से नक्सल कमांडर रमन्ना की मौत पर सस्पेंस बना हुआ था । खबर थी कि तेलंगाना से सटे बीजापुर जिले के जंगल में रमन्ना का अंतिम संस्कार किया गया, लेकिन नक्सली इस मामले में चुप्प थे । किंतु आज खुद नक्सली नेता विकल्प ने नईदुनिया से फोन पर चर्चा में रमन्ना की मौत की पुष्टि कर दी ।
7 नवम्बर को रमन्ना की मौत हार्ट अटैक से होने की जानकारी मिली थी पर इस बात की पुष्टि नही हो पा रही थी जिससे पुलिस तथा ख़ुफ़िया तंत्र परेशान था ।
अप्रैल, 2010 में हुई बड़ी नक्सल वारदात ताड़मेटला कांड का मास्टरमाइंड था रमन्ना जिसमे सीआरपीएफ के 76 जवान मारे गए थे ।
15 साल की उम्र से दक्षिण बस्तर के जंगलों में सक्रिय रहा रमन्ना : तेलंगाना के वारंगल जिले के रमन्ना उर्फ रावुलू श्रीनिवास ने 15 साल की उम्र में हथियार उठा लिया था । तभी से वह दक्षिण बस्तर के सुकमा व बीजापुर जिले के बीच के जंगलों में सक्रिय रहा । छह अप्रैल 2010 को सुकमा जिले के ताड़मेटला में उसने सीआरपीएफ की एक कंपनी पर हमला किया जिसमें 76 जवानों की मौत हो गई थी । 2005 से अब तक उस इलाके में हुई लगभग सभी बड़ी वारदातों का मास्टरमाइंड उसे माना जाता था । आंध्र, ओडिशा, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र राज्य सरकारों ने उस पर कुल ढाई करोड़ से ज्यादा का इनाम रखा था ।