महिला नर्स अपहरण कांड के आरोपी पुलिस गिरफ्तार… महिला के पहचान के व्यक्ति ने रची साजिश… 02 करोड़ रुपए वसूलने की थी योजना…

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भिलाई, 28 दिसम्बर 2021, 22.35 hrs :  25 दिसम्बर रात्रि करीब 8:30 बजे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, भिलाई बाजार में कार्यरत एक नर्स को अज्ञात स्कार्पियो सवार अपहरणकर्ताओं द्वारा अपहरण किए जाने की सूचना मिलने पर चौकी हरदीबाजार थाना कुसमुंडा में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था ।

सूचना मिलने पर पुलिस अधीक्षक कोरबा भोजराम पटेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा, नगर पुलिस अधीक्षक दर्री  सुश्री लितेश सिंह रात्रि में ही घटनास्थल  पर पहुंचकर घटना स्थल का मुआयना किया एवं अलग अलग टीम का गठन कर अलग अलग दिशाओं में भेजा  तथा पूरे कोरबा जिले में नाकेबन्दी करवाकर  संदिग्ध वाहनों की चेकिंग करवाया ।

पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रतनलाल डांगी को घटना की सूचना मिलने पर वे रात्रि  1:00 बजे पुलिस चौकी हरदी बाजार पहुंचे एवं मामले के बारे में जानकारी लेकर अधिकारियों को उचित दिशा निर्देश दिये ।

अपहृत महिला एवं अपहरणकर्ताओं के भागने के सभी रास्तों पर सघन चेकिंग अभियान चलाया गया । पुलिस के बढ़ते दबाव एवम सभी दिशाओं  में नाकेबंदी के कारण अज्ञात अपहरणकर्ता, अपहृत  महिला को  ग्राम रतीजा के आगे जंगल में छोड़कर फरार हो गए जिसे पुलिस टीम द्वारा बरामद कर परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया ।

अपहृत  महिला के बरामद हो जाने से पुलिस टीम को तत्कालिक सफलता मिल गई थी किंतु अज्ञात आरोपीगण के गिरफ्तारी एवं अपहरण के कारण का पता लगाने के लिए पुलिस महानिरीक्षक रतनलाल डांगी द्वारा पुलिस अधीक्षक कोरबा को निर्देश दिए गए थे ।

वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर ने आरोपियों तक पहुचाया :   मामले में पूछताछ के दौरान एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया था कि अज्ञात अपहरणकर्ताओं द्वारा जिस स्कॉर्पियो वाहन में  अपहरण किया था उसकी जानकारी परिवहन कार्यालय कोरबा से प्राप्त की गई  । पता चला कि आरोपी सुरेंद्र कुमार राठौर, पिता शत्रुघ्न राठौर, निवासी भठोरा चौकी हरदी बाजार, मामले का मास्टर माइंड है जिसने संजीव कुमार गोंड को महिला के अपहरण हेतु 3 लाख रुपए में सुपारी दिया था । घटना के कुछ दिन पूर्व आरोपी सुरेंद्र कुमार राठौर संजीव कुमार गोंड़ शत्रुघ्न सिंह गोंड, गोवा राज एवं सुनील सिंह आपस में मिलकर महिला के अपहरण के बारे में योजना बनाए।

उधार का रकम वसूलने एवं मुआवजे की रकम बनी अपहरण का मुख्य कारण  : आरोपी सुरेंद्र कुमार राठौर पूर्व में अपहृत महिला को 80 हजार रुपए उधार में दिया था जिसे महिला वापस नहीं कर रही थी ।  साथ ही महिला को मुआवजा में बड़ी रकम मिली थी जिससे लालच में आकर आरोपी सुरेंद्र राठौर  ने अपहरण की योजना बनाई ।

महिला का करीबी निकला मुख्य साजिशकर्ता :  मामले में गिरफ्तार आरोपी सुरेंद्र कुमार राठौर महिला से पूर्व परिचित एवं उसके परिवार का करीबी है, जिसे मालूम था कि महिला को एसईसीएल से मुआवजे में बड़ी रकम मिली है । आरोपी सुरेंद्र कुमार राठौर की योजना थी कि महिला को अपहरण कर उससे 2 करोड़ रुपए फिरौती की मांग की जाए ,क्योंकि महिला के पति की मौत हो चुकी है और महिला अकेले रहती है इसलिए आसानी से उसे रकम हासिल किया जा सकता है । सुरेंद्र राठौर ने योजना बनाया की संजीव कुमार गोंड़ अपने साथियों के साथ स्कॉर्पियो में लेकर महिला को जंगल की ओर चले जाएगा बाद में सुरेंद्र कुमार राठौर महिला को खोजते खोजते घटनास्थल की ओर पहुंचेगा और महिला और अपहरणकर्ताओं के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा का रकम देने हेतु तैयार करेगा ।

इस तरह से दिया घटना को अंजाम : मुख्य आरोपी एवं साजिशकर्ता सुरेंद्र कुमार राठौर ने अन्य आरोपीगण को बताया कि महिला प्रतिदिन रात्रि में 8:00 बजे ड्यूटी के लिए जाती है, घर से निकलते ही उसका अपहरण किया जा सकता है घटना दिनाक को महिला जैसे ही अपने घर से ड्यूटी के लिए बाहर निकलती उसे वहीं पर अपहरण करना था किंतु वहां पर भीड़ होने के कारण आरोपीगण अपने प्लान में बदलाव किया और महिला को पीछा करते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भिलाईबाजार तक पहुंचे और जैसे ही महिला अस्पताल के पास पहुंची आरोपी संजीव कुमार गोंड़ और शत्रुघ्न गोंड  नीचे उतरे और महिला को जबरन उठाकर वाहन में भर लिया और फरार हो गए।

मामले में अपहृत महिला को आरोपीगण संजीव कुमार गोंड़ शत्रुघ्न गोंड, अरविंद प्रताप सिंह गोवा राज और सुनील सिंह स्कॉर्पियो वाहन में लेकर जंगलों में अलग-अलग लोकेशन पर रातभर घुमाते रहे और सुरेंद्र कुमार राठौर के अगले आदेश का इंतजार करते रहे ।

सहानुभूति हासिल करने मुख्य आरोपी सुरेंद्र राठौर, अपहृत महिला एवं परिवार की सहानुभूति प्राप्त करने हेतु अपने एक अन्य साथी मुकेश यादव नामक व्यक्ति के साथ रात में ही कड़कड़ाती ठंड में बुलेट मोटरसाइकिल से आरोपी को खोजने हेतु निकला था ।

पुलिस की कड़ी नाकेबंदी से महिला को जंगल में छोड़ कर भागे : घटना की सूचना मिलते ही कोरबा पुलिस द्वारा आरोपीगण के भागने के  संभावित रास्तों पर कड़ी नाकेबंदी कर दी गई थी और लगातार वाहनों की चेकिंग की जा रही थी जिसकी सूचना सोशल मीडिया के माध्यम से हो गई थी अपहरणकर्ता जंगल में अलग-अलग दिशाओं में घूम रहे थे अपहरणकर्ताओं ने सुरेंद्र राठौर को फोन कर बताया कि चारों तरफ पुलिस की नाकेबंदी है पकड़े जाने का खतरा है ।

पुलिस अधीक्षक ने 10 हजार रुपए नगद  इनाम की घोषणा की थी ।

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