रायपुर, 12 नवम्बर 2021, 13.40 hrs : कल छत्तीसगढ़ को नया DGP मिला । अशोक जुनेजा को मिली DGP की ज़िम्मेदारी । किंतु राज्य में कई आईपीएस अफसर, डीजीपी जुनेजा से सीनियर हैं । ऐसे में जूनियर के नीचे सीनियर के काम ना करने की परिपाटी के चलते सीनियर अफसरों को पीएचक्यू से बाहर जाना होगा ।
छत्तीसगढ़ के नए DGP बने अशोक जुनेजा ने शुक्रवार की सुबह अपना पदभार संभाल । अब इधर राज्य पुलिस महकमे में बड़े पदों पर बैठे अफसरों के पदभार में बड़ा फेरबदल होने की संभावना है । लंबे समय से पुलिस मुख्यालय में जमे कुछ अफसर मैदानी अमले में भेजे जाएंगे, वहीं कुछ को फील्ड से पीएचक्यू में बुलाने की तैयारी शुरू हो गई है ।
आरके विज, संजय पिल्ले और मुकेश गुप्ता भी जुनेजा से सीनियर हैं । लेकिन, संजय पिल्ले पहले से पीएचक्यू से बाहर जेल का स्वतंत्र प्रभार संभाल रहे हैं । मुकेश गुप्ता सस्पेंड हैं । आरके विज इन दिनों देश से बाहर हैं । वो अगले माह, 31 दिसंबर को रिटायर हो रहे हैं। सम्मानजनक विदाई देने के लिए विज को एक महीने के लिए कोई चार्ज दिया जा सकता है ।
सबसे बड़ी बात यह है कि जुनेजा के डीजीपी बनने के बाद पीएचक्यू में योजना और प्रबंध किसे दिया जाएगा ? पुलिस सूत्रों बताते हैं कि डीजीपी और खुफिया चीफ के बाद योजना और प्रबंध सबसे अहम विभाग माना जाता है । फिलहाल स्पेशल डीजी आरके विज के पास ये विभाग है । अब उनके जूनियर जुनेजा डीजीपी बन गए हैं इसलिए विज को पुलिस मुख्यालय से बिदा होना होगा। क्योंकि, जूनियर के नीचे सीनियर काम नहीं करता । जुनेजा के सामने दिक्कत यह है कि पुलिस मुख्यालय में अफसर ही नहीं है ।
आईजी और एडीजी पुलिस मुख्यालय के रीढ़ की हड्डी होते हैं । आईजी के नाम पर टीआर पैकरा हैं । एडीजी में हिमांशु गुप्ता, एसआरपी कल्लूरी और विवेकानंद हैं । कल्लूरी के पास सिर्फ ट्रेनिंग का प्रभार है । एडीजी में पवनदेव हाउसिंग कारपोरेशन में हैं । पवनदेव पीएचक्यू लौट सकते हैं । एडीजी प्रदीप गुप्ता लोक अभियोजन में हैं । उन्हें भी पीएचक्यू बुलाया जा सकता है । अगले महीने तक जुनेजा से बिलकुल नीचे 90 बैच के राजेश मिश्रा डेपुटेशन से वापस लौटने वाले हैं । राजेश मिश्रा, पवन देव और प्रदीप गुप्ता के आने के पर नए डीजीपी की टीम को मजबूती मिल सकती है ।