कोरोना पर सर्व दलीय बैठक में राज्यपाल ने कहा – महाराष्ट्र से आने वालों की कोरोना जांच जरूरी… क्वॉरंटीन सेंटर बनाएं… सीमावर्ती इलाकों में टेस्टिंग-जांच के लिए अभियान-सर्वदलीय बैठक में सीएम …

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रायपुर, 15 अप्रैल 2021, 18.05 hrs : राज्यपाल गुरूवार को राज्य में कोरोना संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के संबंध में विचार विमर्श के लिए आयोजित सर्वदलीय वर्चुअल बैठक को सम्बोधित कर रही थीं ।

उन्होंने कहा है कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जनजागरण में राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका है ।  राजनीतिक दलों से उन्होंने आग्रह किया कि वे गांव-गांव में इस बीमारी से बचाव के उपायों के बारे में लोगों को जागरूक करें । बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और अन्य राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

राज्यपाल ने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण के विस्तार को रोकने के लिए सीमावर्ती महाराष्ट्र राज्य से आए लोगों की जांच किया जाना आवश्यक है । उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य की सीमा पर प्रबंध किया जाना चाहिए और चरेंटाईन सेंटर बनाए जाने चाहिए । उन्होंने रेमडेसीविर इंजेक्शन के उचित उपयोग के बारे में लोगों को जागरूक करने की जरूरत बताई । राज्यपाल ने कहा कि अकेली राज्य सरकार के लिए कोरोना महामारी से निपटना काफी कठिन है । इस महामारी से निपटना हम सब का सामूहिक दायित्व और कर्तव्य है । हम सभी एकजुट होकर इस संकट से उबरने में सहयोग करें। राज्यपाल ने कहा कि जरूरतमंद लोगों तक राहत और सुविधाएं पहुंचाने में राजनीतिक दल शासन-प्रशासन के साथ मिलकर काम करें । दलगत राजनीति से ऊपर उठकर संकट के इस समय में मानव जीवन को बचाने का प्रयास करें ।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य सरकार कोरोना संक्रमण की रफ्तार को रोकने के लिए हर संभव उपाय कर रही है । उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे कोरोना के लक्षण दिखने पर लोगों को जल्द से जल्द टेस्ट कराने के लिए जागरूक करें । जब तक टेस्ट की रिपोर्ट नही आ जाती, तब तक संक्रमित व्यक्ति स्वयं को आइसोलेट रखें और रिपोर्ट आने के बाद इलाज प्रारंभ करें । उन्होंने लोगों को मास्क का उपयोग करने, फिजिकल डिस्टेंस और हाथों की साफ-सफाई का ध्यान रखने के संबंध में भी जागरूक करने की अपील की ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शासकीय अस्पतालों में मरीजों का नि:शुल्क इलाज किया जा रहा है । डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना और आयुषमान योजना से इलाज कराने वाले लोगों पर कम से कम आर्थिक बोझ पड़े, इसके लिए टेस्ट और इलाज की दरें निर्धारित की गई हैं । प्रदेश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश के ऑक्सीजन प्लांट में उत्पादित होने वाली 80 प्रतिशत ऑक्सीजन का उपयोग छत्तीसगढ़ में ही हो । उद्योगों को ऑक्सीजन उत्पादन के लिए चार लाईसेंस जारी किए गए हैं ।

उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण और टेस्टिंग में छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय औसत से बेहतर स्थिति में है । मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की सीमावर्ती इलाकों में विशेष अभियान चलाकर टेस्टिंग और इलाज की व्यवस्था की जाएगी ।  आरटीपीसीआर और ट्रू नॉट लैबो की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है । आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए वर्तमान में 7 शासकीय और 5 निजी क्षेत्र में लैब हैं । इसी तरह 31 शासकीय ट्रू नॉट लैब और 5 लैब निजी क्षेत्र में हैं । शासकीय और निजी अस्पतालों में 815 वेन्टीलेटर उपलब्ध हैं । प्रदेश में बिस्तरों की संख्या, आईसीयू बेड, ऑक्सीजन युक्त बेड की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिकल स्टॉफ की भर्ती की जा रही है । साथ ही सभी जिलों को कोविड प्रबंधन के लिए लगातार राशि उपलब्ध कराई जा रही है । उन्होंने कहा कि रेमडेसीविर इंजेक्शन के लिए रायपुर के मेकाहारा में काउंटर शुरू किया जा रहा है । इस इंजेक्शन की सुचारू आपूर्ति के लिए महाराष्ट्र और हैदराबाद वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा गया है ।

सभी जिलों में कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं और इनके नम्बर जारी कर दिए गए हैं । प्रवासी मजदूरों के लिए ग्राम पंचायतों को क्वॉरंटाईन सेंटर स्थापित करने के निर्देश दे दिए गए हैं । कोरोना से बचाव और रोकथाम के उपायों की समीक्षा जिले के प्रभारी मंत्रियों और प्रभारी सचिवों द्वारा वर्चुअल मीटिंग लेकर की जा रही है । जरूरतमंदों को कोई परेशानी न हो, इसका भी ध्यान रखा जा रहा है ।

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