70 साल पुराने निजाम फंड केस में भारत को 325 करोड़ रुपये मिले। जीत के बाद पाकिस्तान से मिली 65 फीसदी रकम

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नई दिल्ली, 14 फरवरी 2020, 22.15 hrs : 70 साल पुराने निजाम फंड केस में आखिरकार फैसला आ गया है । भारत ने केस जीता है और 325 करोड़ की बड़ी रकम भी । भारत को इस केस को लड़ने में खर्च हुई 65 फीसदी रकम भी पाकिस्तान से मिली है ।

इस केस में भारत-पाक के बीच लंदन में मुकदमा चल रहा था । पाक ने भारत को केस लड़ने में खर्च हुए पैसे की 65 फीसदी रकम भी दी है ।

लंदन में चल रहे निजाम फंड केस में भारत ने पाक को मात दे दी है । भारत ने पाकिस्तान ने हैदराबाद के निजाम का ‘खजाना’ जीत लिया है । वहीं पाकिस्तान ने केस तो हारा ही है, साथ में उसे भारत को केस लड़ने में खर्च हुई रकम का 65 फीसदी पैसा (26 करोड़ रुपये) भी देना पड़ा है । 1 मिलियन पाउंड से 35 मिलियन पाउंड बनी रकम अब भारत की हो गई है । हैदराबाद के निजाम के पैसों से जुड़े एक 70 साल पुराने मामले में अब फैसला आ गया है । लंदन के एक बैंक में करीब 7 दशक से कई सौ करोड़ रुपये फंसे हुए थे । अब ब्रिटेन में भारतीय दूतावास को लाखों पाउंड अपने हिस्से के तौर पर मिले हैं ।

लंदन में भारत सरकार के अधिकारियों ने बताया कि ब्रिटेन में हाई कमीशन को 35 मिलियन पाउंड (325 करोड़ रुपये) अपने हिस्से के तौर पर मिले हैं । यह रकम 20 सितंबर 1948 से नैशनल वेस्टमिंस्टर बैंक अकाउंट में फंसा हुआ था । पाकिस्तान ने भी इस पैसे पर अपना दावा किया था ।
भारत को मिली कानूनी खर्चे पर आई रकम :
पिछले साल अक्टूबर में हाई कोर्ट ने भारत और मुकर्रम जाह (हैदराबाद के 8वें निजाम) के पक्ष में फैसला सुनाया था । मुकर्रम और उनके छोटे भाई मुफ्फखम जाह पाकिस्तान के खिलाफ लंदन हाई कोर्ट में पिछले 6 साल से यह मुकदमा लड़ रहे हैं । बैंक ने पहले ही यह पैसा कोर्ट को ट्रांसफर कर दिया था ।

अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान ने भी भारत सरकार को 2.8 मिलियन (करीब 26 करोड़ रुपये) चुकाए हैं । यह भारत द्वारा लंदन हाई कोर्ट में इस केस पर आए खर्च की 65 फीसदी लागत है । बाकी बची हई लागत जो भारत ने खुद भरी है, उस पर अभी बातचीत चल रही है । लंदन में एक डिप्लोमेट ने कहा, ‘खबर है कि पाकिस्तान ने पूरा पैसा चुका दिया है ।’

8वें निजाम के वकील ने टीओआई के साथ बातचीत में पुष्टि करते हुए बताया कि उनके क्लाइंट को अपने हिस्से का पैसा और केस लड़ने में लगा 65 फीसदी खर्च भी मिल गया है । बता दें कि भारत के मिले 35 मिलियन (325 करोड़ रुपये) काफी बड़ी रकम मानी जा रही है । अब यह पैसा नई दिल्ली को भेज दिया जाएगा ।

क्या है 70 साल पुराना मामला ?
70 साल पुराना विवाद 1 मिलियन पाउंड और 1 गिन्नी का है जो 20 सितंबर, 1948 को हैदराबाद सरकार को तत्कालीन वित्त मंत्री मॉइन नवाज जंग ने भेजा । इसके बाद यह पैसा हैदराबाद राज्य के तत्कालीन वित्त मंत्री ने ब्रिटेन में तत्कालीन पाक हाई कमिश्नर हबीब इब्राहिम रहीमटूला को ट्रांसफर हुई । यह वाकया हैदाराबाद राज्य को अपने कब्जे में लेने के समय हुआ । तब से अब तक यह रकम बढ़कर 35 मिलियन पाउंड हो गई है । भारत ने इस पैसे पर यह कहते हुए दावा किया कि 1965 में निजाम ने यह पैसा भारत को दिया था ।

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