नई दिल्ली, 22 अप्रैल 2020, 17.05 hrs : मोदी सरकार ने स्वास्थ्यकर्मियों पर हो रहे हमलों और उत्पीड़न को रोकने के लिए अध्यादेश लाया है। इस अध्यादेश के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति मेडिकल कर्मचारियों के साथ हिंसा करने का दोषी पाया जाता है तो उसे 6 महीने से 7 साल तक की सजा हो सकती है । साथ ही दो लाख रुपए तक जुर्माना देने का भी प्रावधान है ।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि मेडिकल कर्मचारियों पर हमलों को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा । उनकी सुरक्षा के लिए सरकार पूरा संरक्षण देने वाला अध्यादेश जारी करेगी । प्रधानमंत्री के हस्ताक्षर के बाद ये तुरंत प्रभाव से जारी होगा । मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि महामारी कानून में कैबिनेट ने बदलाव किया । इस अपराध को गैरजमानती बनाया गया ।
प्रकाश जावड़ेकर ने अध्यादेश की जानकारी देते हुए कहा कि महामारी कानून में कैबिनेट ने बदलाव किया और यह गैर जमानती बनाया गया है । 30 दिन में चार्जशीट के साथ एक साल में फैसला होगा । मेडिकल टीम पर हमला करने पर 3 महीने से 5 साल की सजा और 50,000 से 2 लाख रुपए तक का जुर्माना होगा । अगर गंभीर नुकसान हुआ है तो 6 महीने से 7 साल की सजा का प्रावधान और जुर्माना 1 लाख से 5 लाख रुपए है ।
मंत्री जावड़ेकर ने कहा कि अगर स्वास्थ्य कर्मियों के वाहनों या क्लीनिकों को नुकसान पहुंचाया गया तो अपराधियों से क्षतिग्रस्त की गई संपत्ति का बाजार मूल्य से दोगुना दाम मुआवजे के रूप में वसूला जाएगा ।